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ये कहानी कविता की है और वो इसे ख़ुद अपनी ज़ुबानी सुना रही है।
एक
दिन की बात है कविता किसी काम से गाँव जाती है। वापसी में उसकी कार ख़राब
हो जाती है। सड़क सुनसान है और रात आने को है। उसे कुछ समझ नहीं आता कि
क्या करे।
तभी वहाँ एक देहाती लड़का आता है। वो उस से मदद माँगती
है। मदद के लिए तो वो तैयार हो जाता है पर इसके लिए वो एक शर्त रख देता है।
कविता हैरान रह जाती है। उसे ऐसी शर्त की उम्मीद नहीं थी।
क्या थी उस देहाती लड़के की शर्त?
क्या कविता उसकी शर्त मानेंगी?
और कैसे निकलेगी वो उस गाँव से?
कौन करेगा उसकी मदद?
कहीं वो किसी मुसीबत में तो नहीं फँस जाएगी?
इन सब प्रश्नों के उत्तर आपको इस पुस्तक को पढ़ कर मिल जाएँगे।
नोट: कहानी इराटिक है इसलिए इसे केवल वयस्क ही पढ़ें।
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